
Victoria Memorial in Hindi: विक्टोरिया मेरोरिअल जो की पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित है, ये क्वीन विक्टोरिया के साही जीवन का झरोखा है.
Victoria Memorial Information in Hindi विक्टोरिया मेरोरिअल जानकारी
इसलिए इसे ताज ऑफ़ द राज भी कहा जाता है. भारत में ब्रिटिश राज को यद् दिलाने वाले इस भव्य भवन की स्थापना की रूप रेखा तत्कालीन वासराय लार्ड कर्जन ने तैयार की थी.
जिसके बाद 1906 में इसकी आधार शिला वेल्स के राजकुमार जोर्ज पंचम ने रखी थी. जसी समय ये स्मारक बनाया गया.
उस समय क्वीन विक्टोरिया न सिर्फ यूनाइटेड किंगडम बल्कि भारत की भी महारानी थी.
नीभ रखने के पंद्रह साल बाद यानि 1921 में विक्टोरिया मेरोरिअल बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया.

साथ ही उसी साल जनता के लिए इसे खोल दिया गया, Victoria Memorial का कुल खर्च 1 करोड़ पांच लाख रुपये था.
खाश बात ये है की ये खर्च ब्रिटिश सरकार द्वारा नहीं किया गया था. बल्कि ये फण्ड भारतीयों द्वारा जुटाया गया था. जिसके लिए पुरे देश से चंदा इकठा किया गया था.
क्वीन विक्टोरिया के शाही जीवन को समर्पित इस भव्य स्मारक को शाही अंदाज में ही बनाया गया है.

इस स्मारक की वास्तु कला में पाश्चात्य और मुग़ल वास्तु कला का बेहतरीन समावेश देखने को मिलता है.
इस वास्तु कला को इंडो-सरेसेनिक रिवाइवल आर्किटेक्चर के नाम से जाना जाता है.
इस स्मारक के आर्किटेक्चर के लिए ब्रिटिश इंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्किटेक्चर के अध्यक्ष सर विलयम एमर्सन को चुना गया.
Victoria Memorial भी ताजमहल की तरह सफेद संगमरमर मकराना से बना है.

गुम्बत पर बनी काले रंग की कांस्य प्रतिमा विजय का प्रतिक है. बड़े से बॉल बैरिंग पर बनी ये प्रतिमा हवा के साथ इधर-उधर घुमती है.
यहाँ पर बनी अन्य आकृतियाँ मातृत्व, बुद्धिमत्ता, कला, ज्ञान, न्याय, परोपकार और वास्तु कला आदि को दर्शाते हैं.
ये स्मारक 57 एकड़ भूमि पर बना हुआ है आपको बता दें की इस जगह पर Victoria Memorial की स्थापना से पहले यहाँ पर प्रेसिडेंसी जेल हुआ करती थी.

स्मारक को बनाने के लिए इस जेल को थोड़ा गया और बाद में जेल का निर्माण अलीपुर में किया गया.
Victoria Memorial भारतीय वास्तु कला के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है.
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जहाँ महारानी Victoria के काल विशेष संग्रहालय के साथ ही भारत के समय स्मारक चिन्हों का बड़ा संग्रह मिलता है.
इस संग्रहालय में 9 गैलरियां और 28,394 कलाकृतियाँ हैं. इन 9 गैलरियों में The Royal Gallery, Entrance Hall, Portrait Gallery, The Queen’s Hall, The Prince Hall, National Leaders’ Gallery, Indian Schools of Art, Calcutta Gallery, और Durbar Hall शामिल हैं.

मुज़ियम में पुराने ज़माने के सिक्कों, स्टम्स और नक्शों के साथ ही टीपू सुल्तान की तलवार, प्लासी के युद्ध में उपयोग किये गए तोप और गोले, 1870 से भी पहले की दुर्लभ और मूल्यवान बस्तुएं.
अबू फसल द्वारा लिखी गयी आईने अकबरी एवं पश्चिमी तस्वीरों जैसे कीमती बस्तुएं भी शामिल हैं. जो दर्शकों के लिए इसे यादगार स्मारक बनाती है.