टैक्स का सीज़न आते ही हम सभी अपने फाइनैंस को ठीक से संभालने में लग जाते हैं ताकि टैक्स कम देना पड़े और सेविंग ज्यादा हो। इसके लिए कई फाइनेंशियल और बैंकिंग टूल्स मौजूद है, छुट्टी टैक्स बचाने में मदद करती है। आइये जानते हैं पांच ऐसे ऑप्शन के बारे में:
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)
क्या है: EPF एक अनिवार्य रिटायर्मेंट सेविंग स्कीम है.
फायदा: इसमें। इसमें नहीं उठता और कर्मचारी दोनों वेतन का एक हिस्सा जमा करते हैं। ये इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स डिडक्शन के योग्य हैं।
ब्याज: इस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
क्या है: पीपीएफ एक लंबी अवधि की निवेश योजना है।
फायदा: ये किया गया योगदान धारा 80C के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र हैं। ब्याज भी टैक्स फ्री होता है।
अवधि: 15 साल की मच्योरिटी अवधि के साथ ये लॉन्ग टर्म निवेश का अच्छा विकल्प है।
इक्विटी लिक्विड सेविंग स्कीम (ELSS)
क्या है: ELSS म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है जो मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश करता है।
फायदा: इसमें निवेश पर 1.5 तक की टैक्स कटौती मिलती है।
रिटर्न: लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के अधीन रिटर्न मिलता है, 1 लाख से अधिक के मुनाफ़े पर 10% टैक्स लगता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)
क्या है: NPS एक स्वच्छिक पेंशन योजना है।
फायदा: इसमें धारा। 80CCD(1) के टैक्स कटौती मिलती है, और धारा 80CCD(1B) के तहत ₹50000 तक की अतिरिक्त छूट भी।
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
क्या है: 5 साल की लॉक इन अवधि में वाले ये एफडी बैंको द्वारा पेश किए जाते हैं।
फायदा: धारा 80C के तहत 1.5 लाख तक की टैक्स कटौती मिलती है।
ब्याज: इस पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है।
टैक्स कम करने और सेविंग बढ़ाने के लिए इन टूल्स का सही तरीके से इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद हो सकता है। EPF, PPF, ELSS, NPS, टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट FD जैसे ऑप्शन से आप अपनी टैक्स प्लानिंग को बेहतर बना सकते हैं। लेकिन कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें ताकि ये टूल्स आपकी फाइनेंशियल स् थिति और लक्ष्य के अनुसार हो।