जैसा की आपको पता है भारत के नए संसद भवन उद्घाटन के लिए तैयार है, इसी बीच खबर आ रही है की 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन किया जायेगा. साथ ही कहा जा रहा है की उद्घाटन के समय ही सेंगोल नए संसद भवन में रखा जायेगा.

Contents
ख़बरों में सेंगोल का नाम आने के बाद काफी चर्चा होने लगी है की आखिर सेंगोल क्या है. ऐसे में लोग इन्टरनेट का सहारा ले रहे हैं और सेंगोल का मतलब ढूंढ रहे हैं.
आपकी समस्या को मद्देनजर रखते हुए हम इस पोस्ट में सेंगोल क्या है और इसके बारे में इतना चर्चा क्यूँ हो रहा है साड़ी जानकारी देंगे तो आप अंत तक इस पोस्ट को पढ़े.
‘सेंगोल’ का क्या मतलब है? What is Sengol
तमिल भाषा में, ‘सेंगोल’ शब्द का अर्थ होता है धन से समृद्ध और ऐतिहासिक। यह शब्द संस्कृत के ‘संकु’ शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है शंख। हमारे सनातन धर्म में, शंख को बहुत ही पवित्र माना जाता है। आज भी, जब हम मंदिरों में या घरों में आरती करते हैं, हम शंख का उपयोग करते हैं।
इस लेख के माध्यम से हमने आपको ‘सेंगोल’ शब्द के अर्थ की जानकारी दी है। यहाँ हमने इसके अर्थ और इसके महत्व को समझाने की कोशिश की है। यदि आपके पास कोई प्रश्न है, तो कृपया हमें बताएं।
व्हाइट गोल्ड का रहस्य: व्हाइट गोल्ड, येलो गोल्ड से कैसे भिन्न होता है?
सेंगोल का इतिहास
वास्तव में, ‘राजदंड’ सेंगोल भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास से जुड़ा एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। जब अंग्रेज सरकार ने हमारे देश की स्वतंत्रता की घोषणा की थी, तब वे सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में सेंगोल का उपयोग कर रहे थे। 1947 में, लॉर्ड माउंटबेटन ने नेहरू से सत्तान्तरण की प्रक्रिया के बारे में पूछा।
उस समय, नेहरू ने सी राजा गोपालचारी से सलाह ली। उन्होंने सेंगोल के बारे में जवाहरलाल नेहरू को सूचित किया। फिर सेंगोल को तमिलनाडु से मांगवाया गया और यह ‘राजदंड’ सेंगोल, सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बन गया।
इस लेख में हमने आपको राजदंड सेंगोल के बारे में जानकारी दी है जो हमारी स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। आपको इसे समझने में कोई दिक्कत हो तो कृपया हमें बताएं।
सेंगोल अभी कहाँ स्थित है?
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सेंगोल को पहले इलाहाबाद के एक संग्रहालय में रखा गया था, और अब यह नए संसद भवन में स्थानांतरित किया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह ने यह जानकारी दी है कि यह सेंगोल वही है, जिसे स्वतंत्रता के समय पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था। पंडित नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात करीब 10:45 बजे तमिलनाडु के अधिनाम के माध्यम से इस सेंगोल को स्वीकार किया था। इसके बाद यह सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया गया।
सेंगोल का स्थान नए संसद भवन में कहाँ होगा?
आपको बताते हैं कि नए संसद भवन में सेंगोल को स्पीकर की कुर्सी के निकट स्थापित किया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा की कि इस पवित्र सेंगोल को किसी संग्रहालय में रखना योग्य नहीं है। वे कहते हैं कि सेंगोल की स्थापना के लिए संसद भवन से बेहतर, पवित्र और उपयुक्त स्थान और कहीं नहीं हो सकता। इसलिए, जब नया संसद भवन देश को समर्पित किया जाएगा, उसी दिन प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु से आये सेंगोल को बड़े सम्मान से स्वीकार करेंगे और लोकसभा के अध्यक्ष की कुर्सी के पास इसे स्थापित करेंगे।
Sengol Facts in Hindi
- सेंगोल भारत की स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
- यह संस्कृत शब्द ‘संकु’ से लिया गया है, जिसका मतलब शंख है।
- सेंगोल को स्वतंत्रता के समय पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था।
- पहले यह सेंगोल इलाहाबाद के संग्रहालय में रखा गया था।
- अब यह सेंगोल नए संसद भवन में स्थापित किया जा रहा है।
- सेंगोल को भारतीय संसद के नए भवन में स्पीकर के आसन के पास लगाया जाएगा।