Parishram Safalta Ki Kunji Hai

parishram safalta ki kunji hai Parishram Safalta Ki Kunji Hai

Parishram Safalta Ki Kunji Hai

जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए आलस्य और भाग्याविदिता का दामन छुड़ा कठिन परिश्रम करना ही एकमात्र मार्ग होता है. जीवन में सुख प्राप्त करना हर मनुष्य की आकांक्षा होती है.

लेकिन, अलादीन का चिराग सबके हाथों में नहीं होता की चिराग जलाते ही सारी मन कामनाएँ पूर्ण हो जाएँ. केवल परिश्रम ही जीवन संघर्ष में सफलता ला सकता है.

मानव का इतिहास साक्षी है की अपने पुरुषार्थपर भरोसा रखनेवाले लोग ही रेगिस्तानों में झील बना सके हैं.

धरती की छाती चीरकर मनोवांछित फल प्राप्त कर सके हैं. वस्तुतः, अपने अदम्य साहस, कौशल और सच्ची लगन के सहारे ही परिश्रमी व्यक्ति जीवन के रेतीले मैदानों को पार करता है.

कोयले को हीरे में बदल डालने की कला जादू से नहीं उत्पन्न हो सकती, परिश्रम करनेवाले ही मिट्टी को सोना बना डालते हैं. पुरुषार्थी के लिए कुछ भी असंभव नहीं.

अपने परिश्रम के सहारे मनुष्य सफलता के हर शिखर का स्पर्श कर सकता है. कठिन परिश्रम और दृढ पुरुषार्थ ही जीवन में सफलता के मूलमंत्र हैं.

Parishram Safalta Ki Kunji Hai

“मेहनत इतनी खामोशी से करो
की सफलता शोर मचा दे”

“जब आप सफलता पा लेंगे तो सभी का मुँह बंद हो जाएगा
लेकिन लोगों का मुँह बंद करने के लिए आपको जी तोड़ मेहनत करनी होगी”

“कड़ी मेहनत ही है
सफल भविष्य की चाबी”

“एक मिनट की सफलता वर्षों की
असफलता की कीमत चूका देती हैं”

“सफलता प्राय: उनके ही कदम चूमती है जिनके
पास सफलता को निहारने का वक्त नहीं होता”