National Symbols of India in Hindi | भारत के राष्ट्रीय प्रतीक

National Symbols of India in Hindi

National Symbols of India यानि की भारत के राष्ट्रिय प्रतीक चिन्ह जो ये दर्शाता है की हमारा देश कितना विविधताओं से भरा हुआ है.

हर राष्ट्र की पहचान उनके राष्ट्रिय प्रतीक चिन्ह के द्वारा होती है. ईन राष्ट्रिय प्रतीकों की वजह से भारत की पहचान और छबि और देशों से बिलकुल अलग है.

प्रत्येक राष्ट्र की अपनी अलग पहचान होती है, जिसे सभी के द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार किया जाता है.

देश की पहचान, देश के राष्ट्रिय प्रतीक चिन्ह और वहाँ बसे लोगों से होती है. अपने देश का राष्ट्रिय प्रतीक का इतिहास, व्यक्तित्व और मुख्य विशिष्टता होती है.

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भारत के राष्ट्रिय प्रतीक चिन्ह देश का प्रतिनिधित्व करती हैं तथा ये भारत का प्रतिबिम्ब हैं, जिन्हें संज्ञान और विवेक से दश के प्रतीक के रूप में रखा गया है.

आइये भारत के राष्ट्रिय प्रतीक के बारे में बिस्तार से जानकारी लेते हैं.

National Symbols of India in Hindi | भारत के राष्ट्रीय प्रतीक

भारत का राष्ट्रीय ध्वज (National Flag of India): तिरंगा

भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा की पहचान इस प्रकार है, सबसे ऊपर केसरिया, मध्य में सफ़ेद और नीचे हरा रंग से बना है.

और सफेद पट्टी के बीज में गहरे नील रंग का चक्र बना होता है जिसमें 24 तीलियाँ बनी होती हैं.

National Flag of India

तीन रंगों से बना होने की वजह से इसको तिरंगा कहा जाता है. ध्वज की तीनों रंगों की पट्टियों की चौड़ाई और लम्बाई का अनुपात 2:3 का होता है.

ये तीन रंगों की पट्टियाँ अलग-अलग गुणों और आदशों को दर्शाते हैं. जो की हमारे जीवन के लिए प्रेरणा दायक हैं

  • केसरिया रंग: केसरिया रंग त्याग और बलिदान का है.
  • सफ़ेद रंग: सफ़ेद रंग सत्य, शांति अरु पवित्रता को दर्शाता है.
  • हरा रंग: विश्वास, समृधि और हरियाली को दर्शाता है.

भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को 22 जुलाई 1947 को एक संविधान सभा के दौरान राष्ट्रिय ध्वज के रूप में अपनाया गया.

क्या आपको पता है भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का निर्माण किसने क्या था ?

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का निर्माण पिंगली वेंकाया ने किया था.

भारत का राष्ट्रीय चिन्ह (National Emblem of India): अशोक स्तम्भ

भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ मौर्या साम्राज्य के सम्राट अशोक के द्वारा बनाये गए स्तम्भ से लिया गया है जो की सारनाथ में स्थित है.

गोलाकार में बनी इस आकृति में चार सिंह के मुह हैं जो एक दुसरे से विपरीत दिशा में पीठ किये हुए बने हैं.

National Emblem of India

अशोक स्तम्भ की ये आकृति शक्ति, साहस और जीत के प्रतीक को दर्शाता है. इसके नीचे में एक हाथी, एक घोड़ा, एक बैल और एक शेर की छबि बनी हुई है.

इसके ठीक बीज में अशोक चक्र बना हुआ है, ये प्रगति को दर्शाता है.

अशोक स्तम्भ को 26 जनवरी 1950 को जब देश का संविधान लागू उस समय राजकीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया.

इसको एक ही पत्थर में नक्काशी करके बनाया गया है. नीचे में सत्यमेव जयते लिखा हुआ है. यह राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे देवनागरी लिपि में अंकित है.

सत्यमेव जयते भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है जिसका अर्थ है “सत्य की सदैव ही विजय होती है”

भारत का राष्ट्रीय गान (National Anthem of India): जन गण मन

“जन गण मन” हमारे भारत देश का राष्ट्रीय गान के साथ ही आन वान और शान है. इसे बंगला के प्रसिद्द लेखक रविन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था.

राष्ट्रीय गान को सबसे पहले कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सम्मेलन में 27 दिसम्बर 1911 को गाया गया था.

National Anthem of India

इसे राष्ट्रीय गान के रूप में 24 जनवरी 1950 को मान्यता दी गयी. राष्ट्रीय गान के लिए कुछ नियम बनाये गए है जो नीचे दिए गए हैं.

राष्ट्रगान को जब भी गाया या बजाया जाये, श्रोताओं का खड़ा होना अनिवार्य है.

सम्पूर्ण गान को गाने में 52 सेकेण्ड का समय निर्धारित किया गया है

राष्ट्रगान को गाने या बजाने से पहले सुचना देना अनिवार्य है.

झंडा बंधन के बाद राष्ट्रगान गाना अनिवार्य है.

किसी भी कार्यक्रम में राष्ट्रपति के आने एवं जाने पर राष्ट्रगान गाया जाता है.

परेड की सलामी, सेना के कार्यक्रम के द्वारा राष्ट्रगान गाया जाता है.

विद्यालय, सरकारी कार्यालयों में दिन की शुरुवात राष्ट्रगान के द्वारा की जा सकती है.

राष्ट्रगान की महिमा, गौरव, आदर का ज़िम्मा हर एक नागरिक का होता है.

भारत का राष्ट्रीय गान:

जनगणमन-अधिनायक जय है भारतभाग्यविधाता!
पंजाब सिंधु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग
तब शुभ नामे जागे, तब शुभ आशिष मागे,
गाहे तब जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय है, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।

भारत का राष्ट्रीय गीत (National Song of India): वन्दे मातरम्

भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् के शुरूआती दो छंद को 1950 में आधिकारिक रूप से राष्ट्रीयगीत के तहत अपनाया गया था.

वास्तविक वन्दे मातरम् में 6 छंद है इसको बंकिमचंद्र चटर्जी के द्वारा अपने उपन्यास आनंदमठ में 1882 को बंगला और संस्कृत में लिखा गया था.

National Song of India

इसे पहली बार 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिक सन्दर्भ में रविन्द्रनाथ टैगोर के द्वारा गाया गया था.

इस गीत को गाने में 65 सेकेंड (1 मिनट और 5 सेकेंड) का समय लगता है. “वन्दे मातरम्”का अर्थ होता है “माता की वन्दना करता हूँ”


Amitesh Raj

नमस्कार दोस्तों, मैं Mr. Amitesh Bedia, Hintwebs वेबसाइट का ओनर और ऑथर भी हूँ, मुझे किसी भी तरह की जानकारी साझा करना बहुत अच्छा लगता है, चाहे वो टेक्नोलॉजी से जुड़ी हो या नॉलेज की बातें या फिर इन्टरनेट से जुड़ी कोई बात हो सिखने और दूसरों को इसे जुड़ी समस्याओं को दूर करना ही मेरा लक्ष्य है.