Indian Dog Breeds: आपको पता होगी की कुत्तों को प्राचीन काल से मनुष्य के एक अच्छे दोस्त जैसा जाना जाता है. कुत्ते वफादार के साथ-साथ काफी बुद्धिमान जानवर भी होते हैं.

कुत्तों को पालतू बनाकर अपने घर में रखना मनुष्य का आदत बन चूका है. वैसे तो विदेशी कुत्तों को लोग पालते हैं लेकिन भारतीय नस्ल के कुत्तों को भी पाला जाता है.
भारतीय कुत्तों की नस्लें देश के हर जगह में पाई जाती है ये आपको छोटे से गाँव से लेकर बड़े शहरों में भी मिल जाते हैं. आपको बता दें की सबसे ज्यादा पोपुलर भारतीय कुत्ते की नस्ल को पारिया कुत्ते के नाम से जाना जाता है, ये नस्ल के कुत्ते पुरे भारतवर्ष में पाए जाते हैं.
इसी तरह से अन्य भारतीय कुत्तों की नस्ल की बात करें तो पांडिकोना (Pandikona), कैकाडी (Kaikadi), इंडियन स्पिट्ज (Indian Spitz), महरत्ता ग्रेहाउंड (Mahratta Greyhound), वंजारी हाउंड (Vanjari Hound) और सिंहला हाउंड (Sinhala Hound) जैसे नस्ल पाए जाते हैं.
अब थोड़ी सी विदेशी नस्ल के कुत्तों की बात कर लेते हैं भारत में सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले विदेशी कुत्तों के नस्ल के नाम लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बुलडॉग, द पग्स, पामोलिन, बॉक्सर, सेंट बर्नार्ड, डोबर्मन, दचशुंड, मास्टिफ, ग्रेट डेन और रोटवीलर हैं.
Indian Dog Breeds – Dog Breeds in India
नीचे आपको बहुत सारे भारतीय नस्ल के डॉग्स के बारे में जानने को मिलेगा. हमने आपके लिए पूरी जानकारी देने की कोशिश की है जिसे आप इन भारतीय प्रजाति के कुत्तों को अच्छी तरह से जान पायें.
Indian Spitz-भारतीय स्पिट्ज
भारतीय स्पिट्ज ( Indian Spitz) एक छोटे आकार के कुत्ते की नस्ल है और ये बिलकुल पोमेरेनियन कुत्ते की तरह दिखता है.

भारतीय स्पिट्ज भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जानेवाले कुत्तों में से एक है, इस नस्ल के कुत्ते चमकदार सफ़ेद रंग में होते हैं और बहतु ही सक्रिय नस्ल है.
कलर- ये बिलकुल सफ़ेद रंग के होते है.
जीवन काल – इस नस्ल के डॉग का जीवन काल 12 से 14 साल तक होती है.
कन्नी कुत्ते का वजन – नर का वजन 25 से 28 किलोग्राम तक होती है वहीं मादा डॉग का वजन भी 25 से 28 किलोग्राम तक होती है.
ऊंचाई – smaller Indian Spitz की ऊंचाई 26 से 29 इंच तक होती है वहीं Grater Indian Spitz की 14 से 18 इंच तक ऊंचाई होती है.
Price – लगभग 3000 रुपये से 8000 रुपये तक बीच में मिल जाते हैं
Kanni-कन्नी कुत्ते
कन्नी कुत्ते की नस्ल का आकर बड़ा और लम्बा होता है इसलिए तमिलनाडु राज्य में इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से शिकार के लिए किया जाता था.

कन्नी (Kanni) दुर्लभ दक्षिण भारतीय कुत्ते की नस्ल में से एक है. इस नस्ल का कुत्ता बेहद ही वफादार होता है और हमेशा अपने घर और मालिक की रक्षा करता है.
कलर- इनका कलर ब्लैक और टेंट कलर में होते हैं, पैर और छाती पर थोड़ी सफ़ेद रंग होती है, कनी कुत्ते क्रीम रंग के भी होते हैं उनको पलकनी कहते हैं
जीवन काल – इस नस्ल के डॉग की जीवन काल 10 से 15 साल तक होती है.
कन्नी कुत्ते का वजन – नर का वजन 25 से 28 किलोग्राम तक होती है वहीं मादा डॉग का वजन भी 25 से 28 किलोग्राम तक होती है.
ऊंचाई – नर की ऊंचाई 26 से 29 इंच तक होती है वहीं 25 से 28 इंच तक ऊंचाई होती है.
Pariah Dog-पारिया कुत्ते
भारतीय पारिया कुत्ते सबसे प्राचीन काल के कुत्तों में माना जाता है. ये कुत्ते भारत के हर कोने-कोने में मिल जाते हैं.

इनकी आचरण की बात करें तो ये बहुत ही सामाजिक नस्ल का कुत्ता होता है और ये बेहद ही सतर्कता के साथ ही काफी बुद्धिमान भी है.
Chippiparai-चिप्पीपराई
चिप्पीपराई (Chippiparai) नस्ल के कुत्ते पेरियार झील के आसपास के क्षेत्र में पाए जाते हैं ये भारतीय कुत्ते शिकार कुत्ते की नस्ल में इसका नाम आता है.

भारतीय लोग ज्यादातर चिप्पीपराई (Chippiparai) कुत्ते का इस्तेमाल जंगली सूअर आदि का शिकार करने के लिए करते हैं. ये बुद्धिमान नस्ल का और एक अद्भुत वाच करने वाला कुत्ता होता है.
Mudhol Hound-मुधोल हाउंड
मुधोल हाउंड (Mudhol Hound) नस्ल के कुत्तों का इस्तेमाल कर्नाटक के मुधोल शहर और उसके आसपास जंगल में शिकार करने और घर की रखवाली के लिए किया जाता है.

मुधोल हाउंड नस्ल को कारवां हाउंड के नाम से भी जाना जाता है और गांवों में इसे कारवानी के नाम से जाना जाता है.
Rajapalayam-राजपलायम
राजपलायम (Rajapalayam) एक भारतीय साईथाउंड और शिकारी कुत्तों की सबसे अच्छी नस्ल का कुत्ता है, इस नस्ल के कुत्तों का इस्तेमाल प्रमुख रूप से जंगली सूअर के शिकार के लिए किया जाता है.

राजपालयम एक बड़े साइज़ का और बिलकुल सफेद रंग का कुत्ता होता है, जो तमिलनाडु के राजपलायम शहर में पाया जाने वाला नस्ल है.
Gaddi Kutta-गद्दी कुत्ता
गद्दी कुत्ता (Gaddi Kutta/ Himalayan Sheepdog) उत्तरी भारत के हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वाला एक पहाड़ी कुत्ता है. ये हिमालयी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कश्मीर में पाया जाता है.
गद्दी कुत्ता को इंडियन पैंथर हाउंड भी कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल स्थानीय चरवाहे हिम तेंदुए को भागने के लिए किया जाता है.
Combai-कॉम्बाई
कॉम्बाई (Combai) या (Kombai) कुत्ते की नस्ल भारत के दक्षिण में पाई जाती है और इस नस्ल के कुत्तों में राजपलायम नस्ल के कुत्तों की तुलना में अधिक शक्तिशाली जबड़े होते हैं.
कॉम्बाई कुत्ते बहुत प्राचीन नस्ल के कुत्ते हैं और ये दक्षिण भारत के कुत्तों की सबसे अच्छी नस्ल में से एक है, जिसका इस्तेमाल शिकार और निगरानी के लिए किया जाता है.
Bakharwal Dog-बखरवाल कुत्ते
बखरवाल कुत्ते (Bakharwal Dog) की नस्ल भारत में जम्मू और कश्मीर के राजसी हिमालयी पहाड़ों में पाई जाने वाली एक प्राचीन कुत्ते की नस्ल है.
बखरवाल कुत्ते अपना काम बखूबी करते हैं और ये एक चरवाहा कुत्ता हैं इसकी प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है.
Rampur Greyhound-रामपुर ग्रेहाउंड
रामपुर ग्रेहाउंड उत्तरी भारत के रामपुर क्षेत्र के मूल निवासी भारत के सबसे प्रसिद्ध कुत्तों की नस्ल में से एक है.
रामपुर हाउंड का आकार सबसे बड़े होता है और ये भारतीय बड़े कुत्तों में से एक है जिसका बहुत ही मजबूत जबड़े होता है.
Kumaon Mastiff-कुमाऊं मास्टिफ
कुमाऊं मास्टिफ (Kumaon Mastiff) जिसे इंडियन मास्टिफ के नाम से भी जाना जाता है, ये भारत के उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में पाया जाने वाला एक कामकाजी नस्ल का कुत्ता है.
कुमाऊं मास्टिफ नस्ल का कुत्ता बड़े आकार का होता है जिसके बहुत ही मजबूत सिर और मासपेशियों से मजबूत गर्दन होती है साथ ही ये अच्छी तरह से रखवाली करने की क्षमता रखता है.
Pandikona-पांडिकोना
पांडिकोना (Pandikona) आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य के कुरनूल जिले में पाए जाने वाले शिकार कुत्ते हैं.
पांडिकोना का इस्तेमाल अच्छे से रखवाली, शिकार और बच्चों के साथ बहुत वफादार इसका स्वभाव होता है.
Jonangi-जोनांगी
जोनांगी एक भारतीय कुत्ते की नस्ल है जो केवल आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य के कुछ हिस्सों में पाई जाती है.
जोनांगी को जगीलम या कोल्लेटी जगिलम के नाम से भी जाना जाता है, जो छोटे आकार के जानवरों जैसे खरगोशों का शिकार करने के लिए प्रयोग किया जाता है और ये अपने लिए घर जमीन में खाई खोदने कर बनता है.
Vikhan Sheepdog-विखन शीपडॉग
हिमाचल प्रदेश में पाया जाने वाला विखन शीपडॉग (Vikhan Sheepdog), पशुधन की रक्षा करने वाला संरक्षक कुत्ते की एक और लोकप्रिय भारतीय कुते की प्रजाति है.
ये कुत्ता हिमालयी राज्यों के ठंडे मौसम में रहने में सक्षम है और भेड़ के झुंड को हिम तेंदुओं से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
Bully Kutta-बुली कुत्ते
बुली कुत्ते नस्ल की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में हुई है, एक प्रकार का बड़ा कुत्ता जो रॉक पेंटिंग और मूर्तिकला में भी पाया जाता है.
शिकार और रखवाली के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला बुली कुत्ता, भारत में कुत्तों की लड़ाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है और आज भी भारत के पंजाब क्षेत्र में ये बहुत लोकप्रिय है.
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