यहाँ पर हम आपको आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया के बारे में जानकारी दे रहे हैं यदि आप इसपर जानकारी चाहते हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें.
सुस्त शुरुआत: स्टॉक में डिस्काउंट पर लिस्टिंग
देश के सबसे बड़े आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया की लिस्टिंग मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024 को हुई, लेकिन शुरुआत उम्मीद से कमजोर रही।
बीएसई पर शेयर 1.48% डिस्काउंट के साथ 1931 रुपये पर लिस्ट हुआ।
एनएसई पर शेयर 1.3% डिस्काउंट के साथ 1934 रुपये पर ट्रेड हुआ।
आईपीओ प्राइस बैंड 1865-1960 रुपये के बीच था, लेकिन फ्लैट लिस्टिंग से निवेशकों को झटका लगा।
ठंडा रिस्पॉन्स: सब्सक्रिप्शन और लिस्टिंग में गिरावट
इस आईपीओ का साइज 27,870 करोड़ रुपये था, जो इसे भारतीय बाजार का सबसे बड़ा आईपीओ बनाता है।
तीन दिनों में इस इश्यू को केवल 2.37 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
क्यूआईबी कैटेगरी: 6.97 गुना सब्सक्राइब
गैर-संस्थागत निवेशक (NII): 60% सब्सक्रिप्शन
रिटेल निवेशक: केवल 50% सब्सक्रिप्शन
हुंडई ने जुटाई बड़ी रकम, लेकिन रिटेलर्स की रुचि कम
आईपीओ खुलने से पहले हुंडई ने 8,315 करोड़ रुपये एंकर निवेशकों से जुटाए। हालांकि रिटेल निवेशकों का रिस्पॉन्स काफी कमजोर रहा। 15-17 अक्टूबर 2024 तक खुले इस आईपीओ को उम्मीद के मुताबिक समर्थन नहीं मिला।
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OFS मॉडल आधारित आईपीओ: कंपनी को नहीं मिलेगा नया फंड
यह आईपीओ पूरी तरह ऑफर फॉर सेल (OFS) पर आधारित था, यानी कोई नया इक्विटी शेयर जारी नहीं किया गया।
हुंडई मोटर कंपनी (HMC) ने 14.21 करोड़ शेयरों की बिक्री की पेशकश की थी।
इस बिक्री से हुंडई मोटर इंडिया को कोई नई राशि नहीं मिलेगी।
मार्केट वैल्यू और लिस्टिंग के फायदे
आईपीओ के बाद कंपनी का बाजार मूल्य 1.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
हुंडई का मानना है कि इस लिस्टिंग से ब्रांड छवि मजबूत होगी और पब्लिक मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी।
यह किसी वाहन निर्माता का दो दशकों में पहला आईपीओ है, इससे पहले मारुति सुजुकी ने 2003 में लिस्टिंग की थी।
हुंडई का सफर: भारत में 13 मॉडलों का पोर्टफोलियो
हुंडई ने 1996 में भारत में अपना संचालन शुरू किया था। आज यह विभिन्न सेगमेंट्स में 13 वाहन मॉडलों की बिक्री करती है। कंपनी को उम्मीद है कि शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद उसकी दृश्यता और ग्राहक आधार में वृद्धि होगी।