दुनीया के सात अजूबे (7 Wonders of the World in Hindi) के बारे में हम में से कई लोग ऐसे हैं जिन्हें इनके बारे में जानकारी नहीं है और अगर है भी तो पूरी जानकारी नहीं है.
आज हम इसी विषय पर बात करेंगे और से दुनिया के 7 अजूबों के बारे में पुरे विस्तार जानेंगे.
इन सब अजूबों को सेलेक्ट करने का काम प्राचीन काल से हो हो रहा है ऐसा कहा जाता है की अजूबों को चुनने का अद्भुद विचार 2200 साल पहले हेरोडोटस और कल्लिमचुस के मन में आया था.
उन्होंने दुनिया के 7 अजूबे की सूची बनायीं जिनमें शामिल अजूबे अब नष्ट हो चुके हैं उसके बाद फिर से अजूबे चुनने का विचार किया और उनकी सूची बनायी लेकिन उनकी बनायी गयी सूची को मंजूरी नहीं मिली.
दुनिया के साथ अजूबे इस तरह चुने गए
सन 1999 में 7 दुनिया से अजूबे चुनने का विचार आया इस तरह नए अजूबे चुनने की शुरुआत की गयी.
दुनीया के साथ अजूबे (7 Wonders of the World in Hindi)
- चीन की दीवार
- ताजमहल
- पेट्रा
- क्राइस्ट रिडीमर
- माचू पिच्चु
- कोलोजियम
- चिचेन इत्जा
आइये अब इन दुनिया के सात अजूबे के बारे में बिस्तार से जानकारी लेते हैं ये कहाँ पर स्थित हैं इनमे क्या बिशेषता है जो इनको दुनिया के अजूबे के रूप में जातना जाता है.
चीन की दीवार (Great Wall of China)
यह विशाल दीवार चीन में स्थित है यह दीवार कई हिस्सों में वहाँ के शासकों द्वारा अपने राज्य की रक्षा के लिए बनाई गयी थी.
धीरे-धीरे कई शासक इसे जोड़ते गए जिस वजह से यह दीवार इतनी बड़ी हो गयी की इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है.
इस दीवार का निर्माण 7वीं शताब्दी से लेकर 16वीं शताब्दी तक हुआ था. यह दीवार पूर्वी चीन से लेकर पश्चिमी चीन तक फैली है.
इसकी लम्बाई लगभग 6400 किलोमीटर है वहीँ इसकी ऊंचाई करीब 35 फूट है चौड़ाई की बात करें तो इस दीवार में 10-15 लोग आराम से चल सकते हैं.
चीन की दीवार को बनाने में मिट्टी, पत्थर, लकड़ी, ईंटा इत्यादि का इतेमाल किया गया था. इसकी विशालता को देखते हुए इसे ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना कहा जाता है.
ताजमहल (Taj Mahal)
भारत की शान ताजमहल भी दुनिया के सात अजूबों में से एक है. अपनी खूबसूरत कलाकारी, आकृति की वजह से इसे अजूबा बोला गया था.
ताजमहल का निर्माण 1632 में शाहजहाँ द्वारा करवाया गया था, यह एक प्यार की निशानी है, जिसे शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज की याद बनवाया था.
सफ़ेद संगमरमर का बना ये मकबरा, पूरी तरह से सफ़ेद है, जिसके चारों ओर बगीचा है, एवं सामने पानी की बारी है. ताजमहल भारत के आगरा शहर में स्थित है.
इस जैसे सुंदर कलाकृति दुनिया में और कही देखने को नहीं मिलेगी. मुग़ल शासक शाहजहाँ ने जब इसे बनवाया था, तब इसमें 15 साल का समय लगा था, और इसे बनाने के बाद राजा ने निर्माण से जुड़े सभी मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे,
ताकि वे ऐसा कुछ दूसरा न बना सके. भारत में मुगलों लम्बे समय तक शासन किया था, इस दौरान उन्होंने बहुत सी शिल्पकारी, कलाकृति बनवाई थी, जो आज तक भारत में मौजूद है. ताजमहल की सुन्दरता को देखने के लिए, देश दुनिया से लोग दूर दूर से आते है.
पेट्रा (Petra)
साउथ जॉर्डन में बसे पेट्रा शहर की कलाकृति सात अजूबों में शामिल है. यह एक एतेहासिक और पुरातात्विक शहर है.
जॉर्डन के म’आन प्रान्त में स्थित एक ऐतिहासिक नगरी है जो अपने पत्थर से तराशी गई इमारतों और पानी वाहन प्रणाली के लिए प्रसिद्द है.
इसे छठी शताब्दी ईसापूर्व में नाबतियों ने अपनी राजधानी के तौर पर स्थापित किया था.
ऐसा माना जाता है की इसका निर्माण कार्य 1200 ईसापूर्व के आसपास शुरू हुआ था.
पेत्रा एक होर नामक पहाड़ की ढलान पर बना हुआ है और पहाड़ों से घिरी हुई एक द्रोणी म स्थित है.
इस शहर में चट्टानों को काटकर वास्तुकला का निर्माण हुआ है, साथ ही यहाँ पानी की नालीनुमा प्रणाली है, यही वजह है ये शहर बहुत फेमस है.
इस शहर को रोस सिटी भी कहा जाता है, क्यूंकि यहाँ को पत्थर काटकर कलाकृति बनी है, वो सब लाल रंग की है. इसका निर्माण 312 BC के लगभग हुआ था.
यह जॉर्डन का मुख्य आकर्षण है, जहाँ हर साल बहुत से पर्यटक जाते है. यहाँ ऊँचे ऊँचे मंदिर है, जो आकर्षण का केंद्र है.
इसके अलावा तालाब, नहरें भी है, जो बहुत सुन्योजित तरीके से बनाई गई है. इसको देखने के लिए भी लोग बहुत यहाँ आते है.
क्राइस्ट द रिडीमर (Christ The Redeemer)
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में पहाड़ी के ऊपर स्थापित 130 फूट ऊँची ईसामसी की एक विशाल प्रतिमा है.
जिसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टेचू माना जाता है यह स्टेचू अपने 9.5 मीटर(31 फीट) आधार सहित 39.6 मीटर (130 फीट) लम्बी और 30 मीटर (98 फीट) चौड़ी है.
इसका वजन 635 टन है और तिजुका फारेस्ट नेशनल पार्क में 700 मीटर ऊँची कोर्कोवाडो पर्वत की चोटी पर स्थित है.
इस चोटी से पूरा शहर दिखाई पड़ता है यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊँची मूर्तियों में से एक है.
इसाई धर्म के प्रतीक के रूप में यह प्रतिमा रिओ और ब्राजील की एक पहचान बन गयी है.
यह स्टेचू कंक्रीट और सॉफ्ट स्टोन से बनी है इसका निर्माण 1922 और 1931 के बीच किया गया था. इस विशाल मूर्ति का निर्माण 9 वर्ष में पूरा हुआ था.
माचू पिच्चु (Machu Picchu)
दक्षिण अमेरिकी देश पेरू यह एक कोलंबस पूर्व युग इंका सभ्यता से सम्बंधित ऐतिहासिक स्थल है.
यह समुद्री तल से 2430 मीटर की ऊंचाई पर उरुबाम्बा घाटी जिसमे से उरुबाम्बा नदी बहती है उसके ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित है.
माचू पिच्चू कुज्को से 80 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित है. इसे अक्सर इंकाओं का खोया शहर भी कहा जाता है.
यह इंका साम्राज्य के सबसे परिचित प्रतीकों में से एक है. जिसे 7 जुलाई 2007 को घोषित विश्व के सात अजूबो में शामिल किया गया है.
कोलोजियम (Colosseum)
इटली के रोम नगर के मध्य निर्मित रोमन साम्राज्य का सबसे विशाल एलिप्टिकल एंफ़ीथियेटर है.
कोलोजियम रोमन स्थापत्य और अभियांत्रिकी का सर्वोत्कृष्ट नमूना माना जाता है.
इसका निर्माण तत्कालीन शासक वेस्पियन ने 70वीं – 72 वीं ईस्वी के मध्य प्रारंभ किया और 80 वीं इस्वी में इसको सम्राट टाइटस ने पूरा किया.
81 और 96 वर्षों के बीच इसमें डोमिशियन के राज में इसमें कुछ परिवर्तन करवाए गए.
इस भवन का नाम एम्फ़ीथियेटरम् फ्लेवियम, वेस्पियन और टाइटस के पारिवारिक नाम फ्लेवियस के कारण है.
चिचेन इत्जा (Chichen Itza)
यह एक मयान मंदिर है जो मैक्सिको में मौजूद है. यह मंदिर एक पिरामिड की तरह का है.
कोलम्बस पूर्व युग में माया सभ्यता द्वारा बनाया गया एक बड़ा शहर था.
चीचेन इत्जा उत्तर शास्त्रीय से होते हुए अंतिम शास्त्रीय में और आरंभिक उत्तरशास्त्रीय काल के आरंभि भाग में उत्तरी माया की तराई में एक प्रमुख केंद्र था.
चिचेन इट्ज़ा मंदिर 5 किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है. इस मंदिर की ऊंचाई 79 फ़ीट है.
चिचेन इट्ज़ा मंदिर की खासियत इस मंदिर में जाने के लिए बनी सीढ़ियां है जो मंदिर के चारो तरफ मौजूद है. सीढ़ियों की संख्या कुल 365 है.
दुनिया के सात अजूबे के फोटो
चीन की दीवार (Great Wall of China)
ताजमहल (Taj Mahal)
पेट्रा (Petra)
क्राइस्ट द रिडीमर (Christ The Redeemer)
माचू पिच्चु (Machu Picchu)
कोलोजियम (Colosseum)
चिचेन इत्जा (Chichen Itza)