
कोरोना वायरस क्या है? Corona Virus Kya Hai
Corona Virus Kya Hai: कोरोना वायरस कई तरह के वायरसों का एक समूह है, जो मनुष्यों और पशुओं में भी साधारण सर्दी -जुकाम से लेकर गंभीर सार्स और मर्स जैसी बीमारियां फैलाता है.
हालांकि इस वायरस की पहचान 960 के दशक में ही कर ली गयी थी, पर इन दिनों जिस नोवेल कोरोनावायरस (एनकोव) के मनुष्यों में फैलने की खबरें हैं, उसकी पहचान 209 में ही हुई है.
कोरोनावायरस जूनोटिक (20000) है, यानी उनका पशुओं और मनुष्यों के बीच संक्रमण होता है.
इन्हें लैटिन शब्द कोरोना से यह नाम मिला, जिसका अर्थ होता है किरीट (क्राउन) या आभा मंडल.
इन्हें जब सूक्ष्मदर्श से देखा जाता है, तो इनके चारों ओर सूरज के आभा मंडल जैसा बनता है.
सांसों की तकलीफ बढ़ानेवाले इस वायरस की पहचान चीन के वुहान शहर में पहली बार हुई.
तेजी से फैलने वाला ये संक्रमण निमोनिया जैसे लक्षण पैदा करता है. चीन में इस संक्रमण के अध्ययन से पता लगा है कि इस वायरस का असर स्त्रियों के मुकाबले पुरुषों पर ज्यादा होता है और बच्चों पर सबसे कम.
वायरस होता क्या है? Virus Kya Hota Hai?
वायरस परजीवी होते हैं . इनके संक्रमण से जीवों में अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं और ये एक पोषी से दूसरे पर फैलते हैं.
वायरस अकोशिकीय परजीवी हैं, जो केवल जीवित कोशिका में ही वंश वृद्धि कर सकते हैं.
ये नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से मिलकर गठित होते हैं, शरीर के बाहर तो ये मृत-समान होते हैं, शरीर के अंदर जीवित हो जाते हैं.
यह सैकड़ों साल सुशुप्तवस्था में रह सकता है और जब भी एक जीवित धारक के संपर्क में आता है, उस जीव कोशिका को भेद कर फैल जाता है और जीव बीमार हो जाता है.
लैटिन में ‘वायरस ‘ शब्द का अर्थ है विष. उन्नीसवी सदी के शुरू में इस शब्द का प्रयोग रोग पैदा करनेवाले किसी भी पदार्थ के लिए किया जाता था.
अब वायरस शब्द का प्रयोग रोग पैदा करने वाले कणों के लिए भी किया जाता है.
क्या वायरस उपयोगी भी हैं?
वायरस से रोग होते हैं, लेकिन इनका उपयोग लाभदायक कायों के लिए भी किया जाता है.
अनेक वायरस ऐसे हैं, जिनका इस्तेमाल इलाज के लिए किया जा सकता है. इनका इस्तेमाल कीटनाशकों की तरह हो रहा है.
साथ ही ऐसी फसल और पौधों को तैयार करने में भी हो रहा, जिनमें रोग प्रतिरोधक, तेज गर्मी को सहन करने और कम पानी के इस्तेमाल से भी बढ़ने की क्षमता पैदा होती है .
वायरसों की सहायता शरीर में रोग-प्रतिरोध क्षमता पैदा करने के लिए भी ली जा रही है. प्रयोगशाला में सुधार करके कुछ वायरसों का इस्तेमाल कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने में भी किया जा रहा है.
इसके अलावा कई तरह की जेनेटिक बीमारियों को रोकने में भी इनकी मदद ली जा रही है. वस्तुत: वायरोथिरेपी नाम से एक नया विज्ञान उभर कर सामने आ रहा है.