BHARATIYON KHANA BANANE KE LIYE BEST COOKING OIL KAUN SA HAI?
आयल भारतीय कुकिंग का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. मगर आप कौन सा कुकिंग आयल इस्तेमाल करते हैं.
क्या आप sunflower oil, Groundnut oil, Olive oil तो यूज़ नहीं करते हैं. यदि हाँ तो इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे की भारतीय खाना बनाने के लिए best oil कौन सा है.
भारत में खाना बनाने के लिए कुकिंग आयल का खूब इस्तेमाल किया जाता है. इको मद्दे नज़र रखते हुए हेल्दी आयल का उपयोग करना बहुत ही जरुरी है.
यदि आप रोज-रोज शरीर के लिए नुकसान दायक आयल से खाना पकाएंगे तो इस आयल से आपका शरीर का वजन बढना, हार्ट में ब्लॉकेज, डायबिटीज, कैंसर जैसे खतरनाक बिमारियों का घर बन जाता है.
हम आप से एक ही बात कहेंगे की शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए अपने खाने में बदलाव करे तो वो है शरीर के लिए लाभदायक कुकिंग आयल.
अब एक-एक करके जानते हैं उन आयल के बारे में जिनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा कुकिंग आयल के रूप में किया जाता है.
रिफाइंड आयल (Refined Oil)
आपको बता दे की भारत में 90% लोग खाना पकाने के लिए रिफाइंड आयल (Refined Oil) का इस्तेमाल करते हैं.
ज्यादातर जो भी Sunflower oil, Groundnut oil, Rice Bran Oil, Soybean Oil भारतीय बाजार में मिलते हैं वो रिफाइंड आयल होते हैं.
लेकिन रिफाइंड आयल में खामिया क्या है जैसा की रिफाइंड आयल सुनने में बड़ा ही परिष्कृत लगता हो लेकिन मेडिकल की माने तो ये सबसे खराब तेल है.
तेल का रिफाइनिंग बहुत ही ज्यादा प्रक्रियाओं से गुजार कर बनाया जाता है.
सबसे पहले तेल को 200 डिग्री से ज्यादा तापमान में केमिकल और Hejin Gas को मिलाकर संशोधन (extracted) किया जाता है.
इतना हाई तापमान होने की वजह से इस तेल में मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स ख़तम हो जाते हैं.
तेल के स्वस्थ फैटी एसिड (healthy fatty acid) टूट जाते हैं और ट्रांस वसा (trans fats) बनाने लगते हैं.
अब तेल को दुबारा हाई तापमान में गरम किया जाता है ताकि तेल का टेस्ट बेअसर (Neutralize) किया जा सके और तेल की खूशबू ख़तम हो जाए.
सबसे आखिर में Preservatives (TBHQ) और Antifoaming Agents (DMPS) डाले जाते हैं. इसका सीधा मतलब है ज्यादा समय तक चल सके और गर्म करने पर झाग ना निकले.
जी हाँ इतने प्रक्रिया के बाद जो तेल बचता है वो होता है रिफाइंड आयल (Refined Oil) यानि colorless, odourless, tasteless nutritionless बेकार तेल. तेल की चिकनाई भी काफी ज्यादा समाप्त हो चुकी होती है.
कोई सा भी तेल हो एक बार इस प्रक्रिया में गुजरने के बाद अपनी सारी नेचुरल तत्व को ख़त्म कर चूका होता है.
healthy fatt जो की trans fats में बदल जाते हैं, एक शब्द में कहें तो यह तेल बिलकुल खराब हो जाता हैं.
आजकल ज्यादातर लोग खाना बनाने के लिए रिफाइंड आयल का ही इस्तेमाल करते हैं इसको ज्यादा यूज़ करने पर भविष्य में बहुत ही खतरनाक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं.
हम तो कहेंगे की यदि आप स्वास्थ्य रहना चाहते है तो रिफाइंड आयल का इस्तेमाल न ही करे तो बेहतर है.
ओलिव आयल (Olive Oil)
आजकल जो लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं वो olive oil का ही इतेमाल करते हैं. आपको हर भारतीय दूकान में इस तेल की पूरी रेंज नजर आएगी.
आपको बता दे olive oil हमारे स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ्य वर्धक है लेकिन भारत इस तेल का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है.
आपको पता होगा की olive oil काफी महंगा होता है 1 लीटर olive आयल 1200 रुपये में आता है जिसकी बजह से रोजमर्रा की ज़िन्दगी में ओलिव आयल से खाना पकाना ज्यादातर भारतीय लोगों के बजट से बहार है.
साथ ही olive oil के काफी ज्यादा पोपुलर होने की वजह से इसमें मिलावट के केश बहुत अधिक मात्रा में देखने को मिल रहे हैं.
कई सारे टेस्ट ने कहा है की 60-90% तक के आयातित olive oil में मिलावट होते हैं.
olive आयल भारतीय खाने के साथ मिश्रण नहीं हो पता है यानि की blend नही होता है. olive oil बहुत अच्छा ऑप्शन है यदि आप पास्ता, सेलेड्स या बाकि कोई स्पेनिस या Mediterranean dish बना रहे है.
(तिल का तेल)Sesame Oil, सरसों का तेल (Mustard Oil), मुगफली का तेल (Groundnut Oil ), नारियल तेल (Coconut Oil)
ये सारे तेल बिना रिफाइंड के cold pressed या wood press या जिसे हम कहते हैं कच्ची घानी का तेल हमारे भारतीय कुकिंग के लिए सबसे अच्छा है.
cold pressed आयल एक इंडियन टेकनिक है जिसमें सीड्स से तेल निकाला जाता है और इसमें पद्धति में हीट का उपयोग नहीं किया जाता है.
इस पद्धति से निकला जाने वाला तेल का बिटामिन और मिनरल्स बिलकुल नष्ट नहीं होते हैं और साथ ही तेल की खुशबू और फ्लेवर मौजूद रहता है.
इसमें सबसे अच्छे सीड्स का इस्तेमाल किया जाता है तेल निकालने के लिए और यही करण है जो तेल इसे निकलता है वो ज्यादा हाई गुणवत्ता वाला होता है.
ये सभी आयल का स्मोकिंग पॉइंट भी काफी हाई होता है जिसकी वजह से इससे डीप और सेलो फ्राइंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
किसी भी आयल का smoking पॉइंट वो तापमान होता है जिसके ऊपर आयल के fatty acid bones टूटने लगते है और तेल खराब हो जाता है जिसका मतलब है तेल खाने लायक नहीं है.
coconut आयल के बारे में कहा जाता है की saturated fat बहत हाई है जिसकी वजह से ये स्वस्थ्य के लिए हानिकरक है.
आपको बता दे की रिसर्च से पता चला है की ये बात सच है की coconut आयल में saturated fat हाई होता है.
लेकिन ये स्पेसल तरह का saturated fat है जिसे Medium Chain Fatty acid (MCFA) कहा जाता है ये Medium Chain Fatty acid हमारे शरीर के लिए स्वस्थ्यवर्धक है.
जानकारी के लिए बता दें की 1500 से ज्यादा रिसर्च से ये साबित हुआ है की coconut आयल दुनिया के स्वस्थ्यवर्धक फूड्स में से एक है.
केरल और तमिलनाडू के लोग सदियों से नारियल तेल का इस्तेमाल करते आ रहे हैं और सर्वे बताता है की उनके मस्तिष्क और हार्ट काफी स्वास्थ्य हैं.
सरसों के तेल के बारे में कहा जाता है की इसमें Erucic acid होता है एक रिसर्च के मिताबिक चूहों को काफी सारा सरसों का तेल पिने को दिया गया जिसकी वजह से इनके हार्ट में प्रॉब्लम देखि गयी.
लेकिन भारतीय लोग सरसों तेल का इस्तेमाल सदियों से करते आ रहे हैं पर उनमें कोई इसके वजह से प्रॉब्लम नहीं देखि गयी.
सरसों का तेल उत्तर भारत और पूर्वी भारत में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है साथ ही बंगला देश, चीन, कोरिया आदि देशो में सदियों से उपयोग किया जा रहा है.
Aiims के डॉक्टरों ने जब इसे एक रिसर्च में बाकि और आयल के साथ तुलना किया गया इसमें olive oil भी मौजूद था तो पाया गया की Omega 3 और Omega 6 का रेसिओ सबसे बेहतर है.
इस वजह से सरसों का तेल (Mustard Oil) को हार्ट healthy बनता है और इसका smoking पॉइंट भी बहुत हाई है. जिसके कारण डीप फ्राइंग के लिए सरसों का तेल इस्तेमाल किया जाता है.
कच्ची घानी सरसों का तेल बढ़ी आसानी के साथ भारतीय बाजार में मिल जाता है और ये बिलकुल सबके बजट में आने वाला आयल है.
हम भारतीयों को इन चारों में से कोई एक यानि (तिल का तेल)Sesame Oil, सरसों का तेल (Mustard Oil), मुगफली का तेल (Groundnut Oil ), नारियल तेल (Coconut Oil) का इस्तेमाल करना चाहिए जिसे हमरा स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव न पड़ सके.
घी (Ghee)
सभी आयल में सबसे ज्यादा हाई smoking पॉइंट घी का है और ये बेस्ट है किसी भी प्रकार के खाना बनाने के लिया यहाँ तक की डीप फ्राइंग के लिए भी.
आपको बता दें की किसी भी आयल को एक बार इस्तेमाल करके दोबारा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए लेकिन घी में ऐसा नहीं है घी एक ऐसा आयल है जिसे हम डीप फ्राई करके दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं.
यदि आप ऐसे मानते हैं की घी खाने से मोटापा बढता है तो आपको बता दे की अमेरिका में घी को clarified butter के नाम से प्रीमियम कुकिंग आयल का दर्जा दिया गया है.
वहाँ के डॉक्टर्स कॉफ़ी में दो तीन चम्मच घी डालके पी की सलाह देते हैं.
बस सबके लिए घी से रोजमर्रा की ज़िन्दगी में खाना पकाना पोसिबल नहीं है. लेकिन अगर आप इसका इस्तेमाल रोज कर सकते हैं तो बहोत ही बेहतर है.
आपको बता दें की देसी गाय का घी सबसे बढियां होता है न की जर्सी गायों का धी आप हमेंशा देसी गायों का घी इस्तेमाल करें.
फाइनल शब्द में कहूँ तो रिफाइंड आयल आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और जहाँ तक olive आयल की बात करें तो ये हम भारतीयों के बजट से बहार है, (तिल का तेल)Sesame Oil, सरसों का तेल (Mustard Oil), मुगफली का तेल (Groundnut Oil ), नारियल तेल (Coconut Oil) कच्ची घानी का तेल सबसे अच्छा है भारतीय कुकिंग के लिए, घी भी बेहतर ही लेकिन ये भी बजट से बहार है. इसलिए आज से अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कच्ची घानी का तेल इस्तेमाल शुरू कर दें.